UJJAIN हरी का हुआ हर से मिलन श्रष्टि का भार हरी को सौंपकर महादेव जाते है कैलाश पर्वत

संवाददाता गोपाल आंजना
उज्जैन
UJJAIN श्री महाकालेश्वर मंदिर में वैकुण्ठं चतुर्दर्शी को, रात्रि 11.00 बजे हरिहर मिलन की सवारी निकाली गई मान्यता है कि, देवउठनी एकादशी के पश्यात वैकुण्ठ चतुर्दशी पर श्री हर (श्री महाकालेश्वर भगवान जी) श्री हरि (श्री द्वारकाधीश जी) को सृष्टि का भार सौपते हैं।
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देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्णु पाताल लोक में राजा बलि के यहां विश्राम करने जाते हैं ।
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UJJAIN उस समय पृथ्वी लोक की सत्ता भगवान देवाधिदेव महादेव के पास होती है और वैकुंठ चतुर्दशी के दिन भगवान शिव यह सत्ता पुनः भगवान श्री विष्णु को सौंप कर कैलाश पर्वत पर तपस्या के लिए लौट जाते हैं। इस दिवस को वैकुंठ चतुर्दशी, हरि-हर भेट भी कहते है।
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UJJAIN श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि परम्परा अनुसार श्री महाकालेश्वर मंदिर के आन्तरिक परिसर स्थित सभामंडप से रात्रि 11 बजे श्री महाकालेश्वर भगवान की पालकी धूम-धाम से गोपाल मंदिर पहुंची जहां पूजन के दौरान बाबा श्री महाकालेश्वर जी बिल्व पत्र की माला गोपाल जी को भेट की एवं वैकुण्ठनाथ अर्थात श्री भगवान विष्णु ने हरि तुलसी की माला बाबा श्री महाकाल को भेट की
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