Harda जिले में पटाखों का निर्माण व उसके भंडारण का रास्ता बंद हो गया है।
Harda ऐसे कुल 28 लाइसेंस थे।

जिनमें से 21 लाइसेंस सक्रिय थे, जो कि निरस्त हो चुके हैं।
जिसके चलते अब हरदा में बारूद से पटाखों का निर्माण एवं उसके स्टाक की अनुमति बहाल नहीं है। यह जानकारी जिला कलेक्टर आदित्य सिंह ने जिला पंचायत सभागार में आयोजित पत्रकारवार्ता में साझा की।
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Harda श्री सिंह ने बताया कि पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट के बाद जारी कार्यवाही के तहत राहत एवं सर्वे के अतिरिक्त पटाखों की जप्ती व उनके विनिष्टिकरण की कार्यवाही पूर्ण पारदर्शी प्रकिया तथा प्रावधानों के अंतर्गत की है। इसी के साथ जिले में कोई भी पटाखा निर्माण एवं भंडारण का लाइसेंस सक्रिय नही है, जो कि पटाखों से जुडी अप्रिय घटनाओं पर पूर्ण विराम के समान है।
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यहां बताना जरुरी है कि विगत दिनों मुख्यालय पर मगरधा रोड स्थित पटाखा फैक्ट्री में बारूदी विस्फोट ने प्रदेश समेत देशभर का ध्यान अपनी ओर खींच लिया था। हादसे में जहां कई लोगों ने अपनी जान से हाथ धो बैठे, जबकि सैकड़ो लोग हादसे में घायल हुए थे। हालांकि, घटना की गंभीरता को भाँपकर प्रदेश सरकार एक्शन मोड में दिखी।
जिसके बाद बचाव, राहत, उपचार एवं सुरक्षा के तमाम इंतजाम जुटाये गए। साथ ही नुकसानी का सर्वे तथा दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही का शिकंजा कसता चला गया, जो अब सार्थक परिणाम तक पहुंचा है। जिसमें जिला एवं पुलिस प्रशासन की महती भूमिका रही। क्योकि, कार्यवाही से संबंधित हर एक पहलु को ध्यान में रखकर आगे बढ़ा गया। मामले में शासन ने अपना पक्ष मजबूती से रखा। इसी सक्रियता के फलस्वरूप हरदा समेत अन्य स्थानों पर फैले पटाखा निर्माण का कारोबार अनुमतिविहीन हो गया है।
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