damoh पशुपालन एवं डेयरी राज्यमंत्री श्री पटेल ने किया पौध रोपण*
damoh हेड ब्यूरो एस के पटैल चाणक्य न्यूज़ इंडिया लाइव टीवी
damoh प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी विभाग राज्यमंत्री स्वंतत्र प्रभार लखन पटेल ने मंडी प्रांगण पथरिया में जल गंगा संवर्धन अभियान में एक पेड़ मां के नाम पौधरोपण किया। उन्होंने आमजन से कहा पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अधिक से अधिक संख्या में पौधे रोपित किये जाये। इन पौधों से ही हमारा जीवन है, हमारी सांस है, यदि पेड़ नहीं तो जीवन में कुछ भी नहीं है।

नेपाल के पहाड़ों पर बारिश से नारायणी गंडक नदी का बढ़ने लगा जलस्तर , आस पास के ग्रामीण भयभीत
खबर उत्तर प्रदेश के महराजगंज से हैं जहां नारायणी गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीण हुए भयभीत तो वही सैकड़ो एकड़ फसले पानी में डूबे पड़ोसी देश नेपाल के पहाड़ों पर दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से नवल परासी जिला अंतर्गत सुस्ता गांव पालिका से सटकर बहने वाली नारायणी (गंडक) नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है।
यह नदी भारत के यूपी बिहार में जाकर जनधन को छति पहुंचाती है। पहाड़ों पर लगातार हुई बारिश से नेपाल के नारायण घाट के देवघाट मापन केंद्र से शनिवार को लगभग चार लाख क्यूसेक पानी नारायणी गंडक नदी छोड़ा गया है। जो वाल्मीकि बैराज पर आते-आते आज के दिन 4:30 बजे 280000 क्यूसेक नदी का जलस्तर हो गया है।
https://www.facebook.com/chanakyanewsindialive
NEET SUPREEM COURT – आखिरी सुनवाई के बाद परीक्षा रद्द होती है तो काउंसलिंग भी रद्द हो जाएगी
बी गैप के किनारे बसे ग्रामीणों ने बताया कि दो दिनों से पहाड़ों पर हो रही मूसलाधार बारिश से नारायणी गंडक बैराज का जलस्तर बढ़ाना शुरू हो गया है जिससे बैराज के आसपास के लोगों में बाढ़ का खतरा सताने लगा है नदी का जलस्तर बढ़ने से गांव रामनगर, रतनगंज, सगरदिनही, नरसहि, चरनगंज, सुस्ता गांव पालिका के लोग भयभीत हैं।
umariya मुख्य्मंत्री जी के मुख्य आतिथ्य में स्कूल चले हम अभियान
इस दौरान बैराज के आसपास के लोग लकड़ी निकलते में व्यस्त दिखाई दिए। लेकिन कहीं न कहीं उनको बाढ़ की आशंका सता रही थी। क्योंकि अगर आज रात में बारिश हुई तो नारायणी गंडक नदी का जलस्तर तीन लाख के पार चला जाएगा। नेपाल सीमा पर बसे गांव एवं भारत के महराजगंज और कुशीनगर के नदी के किनारे बसे गांव को प्रभावित कर सकता है।
gariaband तन्त्र मंत्र और काला जादू का चक्कर भीड़ बेकाबू
बी गैप के सहायक अभियंता अनिल कुमार सिंह ने बताया कि नदी की क्षमता 500000 क्यूसेक से ऊपर है। घबराने की कोई बात नहीं है। वही इस नदी पर सिंचाई विभाग की ओर से नदी के किनारे बने वॉच टावर से संदिग्ध ठोकरो और जलस्तर की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।

[metaslider id="122"]