श्री कुन्दन लाल जी ने टीकमगढ़ के जवाहर चौराहे पर हाथ ठेला के माध्यम से नमकीन का व्यवसाय प्रारंभ करके अपने परिवार के भरण-पोषण और जीवन-यापन को संसाधन बताया और अपने उत्पाद की गुणवत्ता के आधार पर ” कुन्दन के नमकीन” के महियम से एक उत्कृष्टता प्राप्त करने की महती सफलता हासिल की
श्री धमासिया जी ने अपने तीनो पुत्रो’ को बहुत ही योग्य बनाया, जिनमें से श्री संतोष जी. एवं मनोज जी ने पैतिक व्यवसाय को आगे बढ़ाते हुये एक इन्डस्ट्री” के रूप में स्थापित कर, हर घर में एक विशिष्ट पहचान दिलायी जबकि श्री मुन्ना लाल जी जैन जिन्हें सभी जन “एम एल जैन ” के रूप में जानते – पहचानते हैं, ने बैकिग क्षेत्र में प्रवेश करते हुये वहां अपना परचम लहराया तथा सरकारी सेवा से रिटायरमेंट के बाद भी उनकी क्षमता व योग्यता को आंकलित करते हुये सरदार सिंह नागरिक सहकारी बैंक द्वारा CEO के पद पर नियुक्त कर दिया है। श्री धमासिया जी ने 04 पुत्रियों और 03 पुत्रों के माध्यम से वर्तमान में चार पीढियों को एक सूत्र में बाधते हुए अपनी सादगी विनम्रता, आत्मीयता, सहजता आदि के साथ 103 वर्ष की उम्र में भी अंतिम सांस तक पूर्ण जागृत अवस्था में और चलते-फिरते हुए देह परित्याग किया