DAMOH वृहद दशलक्षण धर्म पूजा विधान पुस्तक का हुआ विमोचन
नगर में पर्यूषण पर्व की धूम
हटा दमोह। दमोह हेड ब्यूरो एस के पटैल चाणक्य न्यूज़ इंडिया लाइव टीवी
जैन धर्म के पर्वराज पर्यूषण पर्व प्रारंभ हो गये है। दशलक्षण धर्म पर आधारित इस पर्व के प्रथम दिवस पर नगर के चारों मंदिरों में सूर्योदय के साथ ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमडना प्रारंभ हो गई थी। श्रीजी का अभिषेक, शांतिधारा, पूजन, आरती संगीत के साथ हुई।
श्री पारसनाथ दिगम्बर जैन बड़ा मंदिर में आर्यिका रत्न श्री मृदुमति माता जी द्वारा एवं श्री पारसनाथ दिगम्बर त्रिमूर्ति मंदिर में आर्यिका निर्णय मति माता जी के द्वारा शंातिधारा सम्पन्न कराई गई, इस अवसर पर महायज्ञनायक, श्रेष्ठी श्री के साथ 50 से अधिक युवाओं ने श्री जी का अभिषेक एवं सामूहिक पूजन किया।
आर्यिका श्री मृदुमति माता द्वारा लिखित वृहद दशलक्षण धर्म पूजा विधान पुस्तक के द्वितीय संस्कारण का आज विमोचन नवोदय स्कूल के पूर्व प्राचार्य एचके जैन, विवेक जैन एडवोकेट, यशवंत जैन, प्रदीप बरौदा, सेठ निर्मल, सेठ राहुल के द्वारा किया गया। पुस्तक में दश धर्म उतम क्षमा, मार्दव, आर्जव, शौच, सत्य, संयम, तप, त्याग, अकिंचन, ब्रम्हचर्य धर्म की पूजन एवं विधान का विस्तार से उल्लेख है।
आर्यिका मृदुमति माता जी ने आज अपने मंगल प्रवचन में उत्तम क्षमा पर विस्तार से बोलते हुए कहा कि क्षमा के भाव अर्न्तमन से जाग्रत होते है, क्षमा से सम्मान बढता है, क्षमा प्रदान करने वाला सदैव बड़ा होता है। क्रोध के उदय होने के सदैव हानि ही हाथ लगती है, यदि जीवन में सुखी होना चाहते हो तो क्रोध को छोडकर क्षमा धर्म को धारण करो।
पर्व के प्रथम दिवस मंदिरों में भारी भीड़ रही।