Bhopal- भोपाल में डेंगू का प्रकोप, कोलार की हालत खराब:स्कूल, पैथ लैब, अस्पतालों और आपूर्ति बाजार में भी मिला लार्वा, जुर्माना लगाया; 324 पॉजिटिव
भोपाल का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं, जहां मच्छरों का आतंक नहीं हो। जगह-जगह जमा पानी मच्छरों के लिए ब्रीडिंग सेंटर बन गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार यही डेंगू के मच्छरों से होने वाली अन्य बीमारियों के प्रसार का प्रमुख कारण है। इसी बीच, कोलार में पिछले 10 दिन में स्कूल, अस्पतालों, सुपर बाजार और पैथ लैब तक से डेंगू के लार्वा मिले हैं। जिस पर मलेरिया विभाग व नगर निगम ने मिलकर जुर्माना भी लगाया है। वहीं, दूसरी तरफ जिला स्वास्थ्य विभाग, मलेरिया विभाग व नगर निगम को भी रोकथाम मुश्किल हो रही है। बता दें कि शुक्रवार को शहर में 9 डेंगू पॉजिटिव मिले हैं।
इस साल ज्यादा खतरा डेंगू एक चक्रीय पैटर्न पर काम करता है। विशेषज्ञ इस साल ज्यादा खतरे की आशंका जता रहे हैं। राजधानी में साल 2019 में 1,893 मामले डेंगू के दर्ज किए गए थे। चक्रीय पैटर्न के अनुसार चार साल बीतने के बाद अब इस साल डेंगू का प्रकोप हो सकता है। हर साल अक्टूबर महीने में सबसे ज्यादा मामले आते हैं। ऐसे में ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है। एक्सपर्ट्स की मानें, तो दीपावली के बाद डेंगू की गति पर ब्रेक लगने की उम्मीद है। फिलहाल, दिन में गर्मी और रात को तापमान कम है, जो डेंगू मच्छर के लिए पीक मौसम माना जाता है। अक्टूबर के बाद तापमान कम होता है। इसमें मच्छर पनपने की संभावना कम हो जाती है।
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