MUMBAI उद्धव बोले- सरकार सेना की बहादुरी का श्रेय न लें
पूछा- आर्मी ने साहस दिखाया, तो केंद्र ने उनके कदम क्यों रोके; किसका दबाव था?

शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सवाल उठाया कि जब सेना ने साहस दिखाया, तो फिर सरकार ने उनके कदम क्यों रोके? क्या सरकार किसी दबाव में थी? उन्होंने कहा कि सेना की बहादुरी का श्रेय किसी सरकार को नहीं जाना चाहिए।
उद्धव ने ये बातें पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए इंटरव्यू में कहीं। दरअसल विपक्ष के सभी नेता 21 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर का मुद्दा उठाने वाले हैं। भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम पर डोनाल्ड ट्रम्प के दावों पर भी विपक्ष सरकार से जवाब चाहती है।
ट्रम्प ने शुक्रवार को दावा किया था कि, इस युद्ध में कम से कम 5 जेट मार गिराए गए थे। हालांकि ये जेट विमान किस देश के थे, इसका खुलासा नहीं किया। इसको लेकर राहुल ने शुक्रवार को X पर पोस्ट किया था- मोदी जी, 5 जहाजों का सच क्या है? देश को जानने का हक है!

अब पढ़िए उद्धव के इंटरव्यू की बड़ी बातें…
आज देश के पास प्रधानमंत्री नहीं है, सिर्फ भाजपा के पास है। जो लोग देश चला रहे हैं, वे संविधान को मानने के लिए भी तैयार नहीं हैं।
केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें देश की नहीं, सिर्फ व्यापार की चिंता है।
एक दिन पहले उद्धव ठाकरे के इंटरव्यू का पहला पार्ट आया था
उद्धव के शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए इंटरव्यू का पहला पार्ट शनिवार को जारी हुआ था। इस दौरान ठाकरे ने कहा- ‘ठाकरे’ एक ब्रांड नहीं महाराष्ट्र, मराठी मानुष और हिंदू अस्मिता की पहचान है। ठाकरे का मतलब ही संघर्ष है। कोई यह नाम, लोगों का प्यार या विश्वास नहीं चुरा सकता। कुछ लोग इस पहचान को मिटाने की कोशिश की, लेकिन खुद ही मिट गए।
शिंदे गुट पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा- जिनके पास कुछ नहीं है और जो अंदर से खोखले हैं, उन्हें ठाकरे ब्रांड की मदद लगती है। यही इस ब्रांड की खासियत है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिंदे गुट इस ब्रांड की चोरी कर रहा है और खुद को इसका भक्त बताकर अपना महत्व बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
उद्धव ने कहा कि चुनाव आयोग एक पत्थर है। उस पत्थर पर सिंदूर लगा देने से उसे ‘शिवसेना’ नाम और धनुष-बाण चिह्न किसी और को देने का अधिकार नहीं मिल जाता। यह नाम मेरे पिता और दादा ने दिया है। ठाकरे महाराष्ट्र के लिए संघर्ष करते रहेंगे।