MADHYA PRADESH सरकार के द्वारा मां रेवा सिंचाई परियोजना हेतु 1104 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति

मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा मां रेवा सिंचाई परियोजना हेतु 1104 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत निविदा

मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा मां रेवा सिंचाई परियोजना हेतु 1104 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत निविदा

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MADHYA PRADESH सरकार के द्वारा मां रेवा सिंचाई परियोजना हेतु 1104 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत निविदा

MADHYA PRADESH रिपोर्टर गणेश जायसवाल देवास

MADHYA PRADESH सरकार के द्वारा मां रेवा सिंचाई परियोजना हेतु 1104 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत निविदा
MADHYA PRADESHसरकार के द्वारा मां रेवा सिंचाई परियोजना हेतु 1104 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत निविदा

MADHYA PRADESHचाणक्य न्यूज़ इंडिया

MADHYA PRADESH सरकार के द्वारा मां रेवा सिंचाई परियोजना हेतु 1104 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत निविदा आमंत्रित करने की कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है

इस परियोजना से कन्नौद खातेगांव विधानसभा के लगभग 76 गांव के किसान लाभान्वित होंगे लगभग 40000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई इस परियोजना के माध्यम से हो सकेगी इसके लिए सभी कार्यकर्ताओं ने
आज सुबह भारतीय जनता पार्टी परिवार पानीगांव एवं किसान बंधुओं ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी, हमारे सांसद केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह जी चौहान और क्षेत्रीय विधायक भैया आशीष जी शर्मा का धन्यवाद किया।

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gariaband आजादी के सात दशक देखने के बाद नसीब हुई बिजली

gariaband  छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती भाग गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र के दुरस्थ वनांचल में बसा आदिवासी कमार जनजाति ग्राम लूठापारा में आखिर आजादी के 75 वर्षो बाद बिजली की रौशनी पहुंचने से ग्रामीणों में भारी खुशी देखने को मिल रही है।

gariaband  गांव में बिजली पहुंचने से ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त किया है।

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gariaband  तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 15 किलोमीटर दुर ग्राम लूठापारा की जनसंख्या लगभग 310 के आसपास है और यहा आदिवासी कमार विशेष पिछडी जनजाति के लोग निवास करते हैं। गांव में बिजली लगाने की मांग वर्षो से ग्रामीण कर रहे थे, लेकिन ग्रामीणों की इस गंभीर मांग के तरफ अब तक ध्यान नहीं दिया गया था।gariaband  छत्तीसगढ़ में भाजपा के सरकार बनने के बाद लगभग 05 माह पूर्व प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत विशेष पिछडी जनजाति ग्रामो का सरकार द्वारा सर्वे करवाया और कई ग्रामों में शिविर लगाकर जनजाति सामुदाय के लोगों को सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने कार्ययोजना तैयार किया गया। गरियाबंद कलेक्टर दीपक अग्रवाल लगातार विद्युत विहीन ग्रामों में बिजली की रोशनी पहुंचने के लिए संबंधित विभाग को निर्देश दे रहे हैं और बैठकों में इसकी जानकारी भी ले रहे हैं।gariaband कलेक्टर के निर्देश पर छिन्दौला के बाद अब ग्राम लूठापारा में बिजली की रोशनी पहुंच गई। जनमन योजना शिविर दौरान ग्राम लूठापारा के ग्रामीणों ने गांव में बिजली लगाने की मांग प्रमुखता के साथ किया था जिसके फलस्वरूप से बिजली विभाग द्वारा सर्वे करवाई गई और आदिम जाति कल्याण विभाग के अफसर गांव में पहुंचकर ग्रामीणों की समस्याओं को नजदीक से जाना साथ ही ग्रामीणों के मांग के अनुसार ग्राम लूठापारा में लगभग डेढ माह पूर्व बिजली की लाईन तार लगाने का कार्य प्रारंभ हुआ। गांव में ट्रांसफार्मर लगाकर बिजली पहुचाई गई और अब ग्रामीणों के घरों में बिजली के कनेक्शन देकर मीटर लगाया गया है और विधिवत बिजली की रौशनी इस गांव में पहुचाई गई है ज्ञात हो कि इसके पूर्व इस क्षेत्र के ग्राम छिन्दौला में भी बिजली की रौशनी विष्णुदेव सरकार द्वारा पहुंचाई गई है।

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गांव में बिजली की रौशनी पहुंचते ही खुशी से झुम उठे ग्रामीण, सीएम के प्रति जताया आभार

ग्राम लूठापारा के ग्रामीण विसनाथ, बृजलाल, बुधराम, रामसिंह, पीलाबाई, कांसिन, रामेश्वर, पिलेश्वर, रतनसाय, आशाराम, साताराम, समारू, पतिराम, सोनधर , रामलाल ने बताया कि हमारे इस गांव में बिजली लगाने की मांग वर्षों से कर रहे थे और तो और बिजली लगाने की मांग को लेकर कई बार कलेक्टर एवं मैनपुर पहुंचे सांसद विधायक से मांग कर थक चुके थे लेकिन आज तक गांव में बिजली नही लगाई गई थी और ग्रामीण रात के अंधेरे दुर करने लालटेन का सहारा ले रहे थे। इस गांव में लगाये गये सौर उर्जा प्लेट भी जर्जर और खराब हो चुका था कई बार मांगकर थक चुके थे लेकिन हमारी समस्याओं का सामधान करने वाला कोई नहीं था। ग्रामीणों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद पिछले दिनो विशेष पिछडी जनजाति के लिए पीएम जनमन शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में आवेदन देने के बाद इतना जल्दी बिजली लग गया कि ग्रामीणों को विश्वास ही नहीं हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि बिजली लगने से पहली बार इस भीषण गर्मी में पंखा, कूलर, का ग्रामीण उपयोग कर रहे हैं।

र्व विधायक ओकार शाह के बाद से अब तक नहीं पहुंचे कोई भी विधायक, सांसद

ग्रामीण रतनसाय, समारू राम ने बताया कि लगभग 20 वर्ष पहले अचानक आये बाढ से हमारे ग्राम लूठापारा और धोबीपारा को बहुत ज्यादा क्षति पहुंची थी। कई ग्रामीणों के मकान बह गये थे उस समय के विधायक ओंकार शाह हमारे गांव में आकर समस्याओं को सुना था ओंकार शाह के आने के बाद से अब कोई भी सांसद विधायक इस गांव में नहीं पहुंचे ग्रामीणों ने कई बार सांसद विधायक से गांव आने की मांग कर थक चुके। यहां के ग्रामीणों ने कहा कि इस गांव में आजादी के इतने वर्षो बाद बिजली पहुंचने से ग्रामीणों में भारी खुशी है यहां बिजली आना इतिहास में दर्ज किया जायेगा। साथ ही ग्रामीणों ने इसके लिए छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्हे गांव आने का आमंत्रण दिया है। जनपद पंचायत मैनपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत दबनई के आश्रित ग्राम लूठपारा है जो बीहड़ जंगल के भीतर बसा हुआ है।

 

MADHYA PRADESH सरकार के द्वारा मां रेवा सिंचाई परियोजना हेतु 1104 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति
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