सिपाही का परिवार कारागार मुख्य द्वार के सामने धरने पर बैठ गया

रिपोर्ट- शैलेंद्र मौर्या रायबरेली
?
मो- 9454807050/ 7236008600
रायबरेली ज़िला जेल परिसर में जानवरों की तरह फाइबर स्टिक से पीटे गए सिपाही का परिवार कारागार मुख्य द्वार के सामने धरने पर बैठ गया है। सिपाही की पत्नी का आरोप हैं कि घटना में शामिल रहे सिपाहियों से जेल प्रशासन की मिली भगत है। उनका कहना है कि पिटाई करने वाले सिपाहियों को दूसरे जेल में स्थानांतरित किए जाने के बावजूद उनसे रायबरेली जेल का आवास खाली नहीं कराया गया है। आरोपी सिपाहियों का परिवार इसमें रहते हुए उनकी बेटी पर फब्तियां कसता है। पीड़ित सिपाही की पत्नी का कहना है कि अगर यहां से स्थानांतरित हुए सिपाहियों के परिवार से आवास न खाली कराया गया तो वह परिवार समेत आत्महत्या कर लेगी। मामला बीते साल के 25 दिसंबर का है। यहां कारागार में भंडारे ड्यूटी पर तैनात सिपाही मुकेश दुबे की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें उसे जानवरों की तरह पीटा जा रहा है। मुकेश दुबे का आरोप था कि उसकी निगरानी में भंडारे के अंदर बनने वाले खाने की क्वालिटी खराब करने का दबाव था। मुकेश दुबे के मुताबिक दबाव बनाने वाले जेल में तैनात उच्च अधिकारियों के अर्दली हैं और निजी कैंटीन संचालित करते हैं। मुकेश का आरोप है कि भंडारे में अच्छा खाना बनने से निजी कैंटीन की बिक्री प्रभावित हो रही थी। इसी को लेकर कैंटीन संचालकों ने अपने विश्वासपात्र सिपाहियों से उसे पिटवाया था। बाद में मामले की उच्च स्तरीय जांच के बाद पिटाई करने वाले पांच सिपाहियों को सस्पेंड किया गया था। सभी आरोपी सिपाहियों को अब प्रदेश की अलग अलग जेलों में तैनाती दे दी गई है। जिले से बाहर तैनाती होने के बावजूद आरोपी सिपाहियों से उनके आवास नहीं खाली कराए गए। सिपाही मुकेश दुबे की पत्नी का आरोप है कि सिपाहियों के परिवार यहां रहने से उन्हें खतरा बना है। उन्होंने इसी बात को लेकर कारागार जेल के बाहर धरना देते हुए कहा है कि अगर आरोपी सिपाहियों से उनके आवास नहीं खाली कराए गए तो वह पूरे परिवार के साथ आत्मदाह कर लेगी। उधर जेल प्रशासन इस मामले को लेकर सामने आने से बच रहा है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights