अनीमिया से बचाव के लिए आयरन की गोली का सेवन अवश्य करें
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खून में हिमोग्लोबिन की मात्रा का एक स्तर से कम हो जाना अनीमिया कहलाता है। ज्यादातर गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को अनीमिया होता है। इससे शरीर मे आयरन की कमी हो जाती है। शरीर मे आयरन का प्रवाह कम हो जाता है। गर्भवती महिला एवं बच्चों को अनीमिया से बचाव के संबंध में मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सरोजिनी जेम्स बेक ने एडवाईजरी जारी की है। उन्होने कहा कि 6 माह से 5 वर्ष के बच्चे को हर माह आयरन सिरप ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस पर निःशुल्क पिलाया जाता है। उन्हें आगे भी नियमित रूप से आयरन सिरप पिलाने के लिए अभिभावकों को आवश्यक समझाईश के साथ आयरन सिरप की शीशी दी जाती है। जबकि 5 से 9 साल तक बच्चों को आयरन युक्त एक गुलाबी रंग की गोली और 10 से 19 साल के बच्चों को नीली रंग की गोली (आई.एफ.ए.) हर हफ्ते स्कूलो एवं आँगनबाड़ी केंद्रो में खिलाई जाती है।
सी.एम.एच.ओ. डॉ बेक ने कहा कि गर्भवती महिलाओं में खून की कमी को रोकने के लिए गर्भावस्था के चौथे महीने से 180 दिन तक हर रोज (आई.एफ.ए.) एक गोली जरूर लें। यदि गोली खाने पर मितली आए, जी मचलाये तो भी गोली खाना जारी रखें। ये परेशानियाँ ज्यादा दिन नहीं होती है। भोजन के लगभग 1-2 घण्टे बाद आयरन की गोली खाने से ये दुष्प्रभाव कम हो जाते है। आयरन की गोली (आई.एफ.ए.) खाली पेट ना लें। दूध, चाय, कॉफी या कैल्शियम की गोली के साथ भी ना लें। आयरन युक्त पोषण आहार का सेवन करें। आयरन की गोली (आई.एफ.ए.) सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं, आँगनबाड़ी केंद्र के अलावा हर माह ग्राम में आयोजित होने वाले ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस पर एएनएम द्वारा निःशुल्क दी जाती है। अनीमिया से बचाव के लिए प्रजनन आयु वर्ग की युवतियाँ भी आयरन की गोलियॉ निःशुल्क आँगनबाड़ी केंद्र से प्राप्त कर सकती है।