गांव में कोटा चयन न होने से ग्रामीणों में आक्रोश

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रायबरेली
रिपोर्ट -बलवंत सिंह

गांव में कोटा चयन न होने से ग्रामीणों में आक्रोश, ग्रामीण ने विभागीय अधिकारियों पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

डलमऊ रायबरेली।गांव में कोटा न होने से लोगों में आक्रोश।लोगों की मांग है कि गांव में ही कोटे का चयन किया जाए ताकि लोग दूसरे गांव में न जाएं। अगर राशन की दुकान होगी तो किसी भी समय लोग दुकानदार राशन ले सकते हैं। और राशन मिलने पर भी इतनी परेशानी नहीं होगी।उत्तर प्रदेश सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे आ रहे परिवारों के लिए मुफ्त राशन योजना पिछले कई वर्षों से जारी है। लेकिन आज भी प्रदेश में राशन लेने वालों को राशन मिलना बंद हो गया है, कई परिवारों के पास अभी भी राशन कार्ड नहीं है। लेकिन सबसे बड़ी समस्या तो तब आती है।जब लोगों को मीलों की दूरी तय करनी पड़ती है। और पैदल ही दूसरे गांव राशन लेने जाने को मजबूर है।गांव में कोटा चयन प्रक्रिया नहीं की जा रही है। मजबूरन लोगों को अनाज लेने जाने के लिए अन्य कोटों तक के लिए पैदल यात्रा तय करनी पड़ती है। गौरतलब हो कि मामला डलमऊ तहसील क्षेत्र के देवगांव का है जहां पर ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि ग्राम सभा देवगांव में उपरोक्त सरकारी उचित दर की दुकान रानी देवी पत्नी रामस्वरूप के नाम आवंटित थी लेकिन रानी देवी की मृत्यु के बाद गांव सभा में उचित दर की दुकान पड़ोसी गांव उमरामऊ जमुना देवी पत्नी रामशंकर जो कि निर्मल महिला स्वयं सहायता समूह के यहां अटैच कर दिया गया था। लेकिन जमुना यमुना देवी ने राशन वितरण में असमर्थता व्यक्त कर दिया जिससे ग्रामीणों को राशन नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि कोटा चयन प्रक्रिया को लेकर विभागीय अधिकारियों में जद्दोजहद लगी हुई है। ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि गांव में ममता नारी शक्ति महिला स्वयं सहायता समूह को संचालित कर रही हैं। जो की पात्र है।

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